Top 10 facts about Kumbh Mela 2025, including budget, tent setup, and expected people

कुंभ मेला भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो हर 12 वर्ष में चार अलग-अलग पवित्र स्थानों पर आयोजित किया जाता है। इनमें हरिद्वार (गंगा नदी), प्रयागराज (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम), उज्जैन (शिप्रा नदी) और नासिक (गोदावरी नदी) शामिल हैं। प्रत्येक 12 वर्ष में इन चारों स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन होता है, जिसे सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।

अगर आप भी इस साल के कुंभ 2025 के कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स (Facts About Kumbh Mela) जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस वर्ष महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। यह मेला न केवल भारत के लोगों को, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को भी आकर्षित करता है। तो चलिए शुरू करते हैं। हर हर महादेव!

कुंभ मेला 2025: बजट और खर्च की जानकारी | Kumbh Mela 2025 Budget

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस बार कुंभ मेले का बजट लगभग 7000 करोड़ रुपये (INR) है, जो कि 2019 में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित कुंभ मेले के बजट, जो लगभग 3800 करोड़ रुपये था, के मुकाबले दोगुना है। यह बढ़ा हुआ बजट आयोजन की भव्यता और बेहतर सुविधाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तय किया गया है। 2019 के कुंभ मेले में 6000 करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि हुई थी और 6 लाख लोगों को रोजगार मिला था ।

लग्जरी टेंट का एक रात का किराया 18000 से 1 लाख तक | Kumbh Mela 2025 Tent Price

Kumbh Mela 2025 tent arrangements for devotees
Image Source: Youtube

चौकिए मत, यह सही है। इस बार यदि आप किसी लग्जरी टेंट में ठहरना चाहते हैं, तो इसका किराया 1 लाख तक हो सकता है। जिसकी शुरुआत इनकी कीमत 18000 से है, जो एक लाख तक जाती है। कुंभ 2025 के शुरू होने से पहले ही लग्जरी टेंट के 44 पूरी तरह से एडवांस में बुक हो गए थे।

Government Tent Price

यदि आपको लग्जरी टेंट की कीमत कुछ अधिक लग रही है, तो कोई चिंता की बात नहीं है। नीचे हम आपको सरकार द्वारा प्रदान किए गए कुछ टेंटों की कीमतें बता रहे हैं। इनमें, डॉर्मिटरी का किराया ₹1500, महाराजा टेंट का किराया ₹35000, और डोम सिटी टेंट का किराया ₹61000 है।

नोट: कृपया ध्यान दें कि ये किराए केवल एक रात के लिए मान्य हैं।

होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशाला

कुंभ मेला 2025 में ठहरने के लिए लगभग 200+ होटल्स, 90 धर्मशालाएँ, 204 गेस्ट हाउस और 1.5 लाख से अधिक टेंट तैयार किए गए हैं, जो कि कुंभ मेला में आए हुए श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं को आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, ताकि वे अपने धार्मिक अनुभव का पूरी तरह से लाभ उठा सकें। चाहे आप बजट में ठहरना चाहें या लग्जरी विकल्प चुनें, हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी।

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला: कुंभ मेला

इस साल के महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आने की संभावना है, और यह आयोजन अगले 45 दिनों तक चलेगा। प्रयागराज में 2019 में हुआ पिछला बड़ा कुंभ मेला था, जिसमें पूरे मेले के दौरान लगभग 15 से 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी सबसे बड़ी एक ही स्थान पर एकत्रित हुई लोगों की भीड़ है।

महाकुंभ में सुरक्षा के लिए डिजिटल और एआई तकनीक का उपयोग

महाकुंभ का आयोजन एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, जिसमें लगभग 45-50 लाख लोगों को संभालना होता है। यह किसी भी प्रशासनिक विभाग के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन इस बार सरकार ने इस आयोजन को और अधिक सुव्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए तकनीकी सहायता का भी पूरा उपयोग किया है।

इसके तहत, आयोजन स्थल का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर किया गया है। पार्किंग क्षेत्रों का विस्तार किया गया है, और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और स्क्रीन लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 5 लाख से अधिक टेंट और शौचालय लगाए जाएंगे। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन और निगरानी कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा। इसमें एआई-पावर्ड (AI Powered) सुरक्षा प्रणाली, शौचालयों जैसे सुविधाओं का पता लगाने के लिए डिजिटल मानचित्र (Maps) और सुरक्षा बढ़ाने के लिए लाइव सोशल मीडिया निगरानी शामिल हैं ।

5000 करोड़ से अधिक का कारोबार

यह एक अत्यंत दिलचस्प और ऐतिहासिक तथ्य है कि इस पूरे महाकुंभ मेले के दौरान लगभग 5000 करोड़ की पूजा सामग्री, 4000 करोड़ तक के डेयरी उत्पाद जैसे दूध, चाय, कॉफी, मिठाई, और 800 करोड़ तक के फूलों (पूर्ण) का कारोबार होने की संभावना है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी एक विशाल और अद्वितीय अवसर बन चुका है।

विक्रेताओं और व्यापारों के लिए नए अवसर

इस महाकुंभ मेले के दौरान दूसरे व्यापारों और विक्रेताओं का भी पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इस महाकुंभ में लगभग 7000 विक्रेता होंगे। इनमें से 2000 ऐसे लोग हैं जिन्हें डिजिटल पेमेंट लेने में सक्षम बनाया गया है।यहां स्थित एक अम्यूज़मेंट पार्क के लिए लगभग 11 करोड़ की विशाल राशि भी निवेश की गई है।

13,000 से अधिक ट्रेन सेवाओं का आयोजन

Indian Railways special trains for Kumbh Mela
Special Train for Kumbh 2025

भारतीय रेलवे ने महाकुंभ मेले के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं। इस अवधि के दौरान 13,000 से अधिक ट्रेनें चलेंगी, जिनमें 10,000 नियमित और 3,000 विशेष ट्रेनें शामिल हैं। पश्चिमी रेलवे ने 98 विशेष ट्रेनें शुरू की हैं। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों से भी विशेष ट्रेन सेवाएं उपलब्ध होंगी।

करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए पर्यावरण संरक्षण उपाय

इस विशाल कुंभ मेले के दौरान सरकार ने श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यावरण का भी पूर्ण ध्यान रखा है। हाल के वर्षों में, कुंभ मेले के दौरान पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए हैं। इसमें कचरा प्रबंधन कार्यक्रम, प्लास्टिक प्रतिबंध और टिकाऊ पर्यटन प्रथाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य करोड़ों श्रद्धालुओं को समायोजित करते हुए पर्यावरण पर प्रभाव को कम करना है।

महाकुंभ मेला 2025: मुख्य स्नान तिथियां

महाकुंभ मेला 2025, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान, कई महत्वपूर्ण स्नान तिथियां हैं:

पौष पूर्णिमा स्नान13 जनवरी 2025
मकर संक्रांति15 जनवरी 2025
मौनि अमावस्या स्नान29 जनवरी 2025
बसंत पंचमी स्नान3 फरवरी 2025
माघी पूर्णिमा स्नान12फरवरी 2025
महाशिवरात्रि स्नान26 फरवरी 2025
Kumbh 2025 Shahi Snan Dates

25,000 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक कारोबार

ऐतिहासिक नगर इलाहाबाद, जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, ने अनगिनत कुंभ मेलों का आयोजन किया है — जो अनंत काल से चलता आ रहा है। उत्तर प्रदेश चैप्टर के कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार गोयल का अनुमान है कि इस आयोजन से 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा, जिसमें 5,000 करोड़ रुपये पूजा सामग्री, 4,000 करोड़ रुपये डेयरी उत्पादों और 800 करोड़ रुपये फूलों से होंगे। आतिथ्य क्षेत्र, विशेष रूप से लग्जरी होटल्स, से 6,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है।

महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही देश में अन्य त्योहारों की भी धूम मची हुई है। जहां एक ओर देश भर में कुंभ मेला जोर-शोर से जारी है, वहीं पंजाब में लोहड़ी और असम में बीहू पर्व की भी धूम है।

कुंभ मेला यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

ध्यान रहे कि कुंभ एक महापर्व है, तो यदि आप जाने का सोच रहे हैं, तो कृपया नीचे लिखी गई बातों का अवश्य पालन करें, जो आपकी कुंभ यात्रा में बहुत ही मददगार साबित होगी:

  • कुंभ में कीमती सामान, आभूषण और अन्य कीमती सामान लाने से बचें।
  • कुंभ एक महापर्व है, जिसमें लाखों लोगों की भीड़ लगी रहती है। ध्यान रखें कि इस भीड़ में बच्चों, महिलाओं और अपने संबन्धियों का एक साथ ध्यान रखें। यदि आप में से कोई अलग हो जाता है, तो तुरंत किसी पुलिस वाले से संपर्क करें।
  • पर्यावरण का पूरा ध्यान रखें, कहीं भी कोई कचरा न फेंके।
  • साथ ही, पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर सहयोग करें। इस महापर्व का आयोजन सिर्फ पुलिस प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि यह हम सभी श्रद्धालुओं की भी जिम्मेदारी है।

पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

महाकुंभ मेला, धर्म, संस्कृति और आस्था का एक अद्भुत संगम है। यह न केवल भारत के लोगों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक मिसाल है कि कैसे लोग एक साथ आकर अपनी आस्था का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह एक ऐसा आयोजन है जो आध्यात्मिक ज्ञान, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है। इस साल, महाकुंभ मेला 2025 में, 40 करोड़ से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा कुंभ मेला बना देगा। यह मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।

हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। ध्यान रहे कि इस लेख में कुछ जानकारी इंटरनेट पर स्थित स्रोतों से ली गई है। यदि आपको कोई त्रुटि दिखाई देती है, तो इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं। आप नीचे टिप्पणी कर सकते हैं या हमें ईमेल भी कर सकते हैं। यह लेख अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें। हर हर महादेव!

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