भारत देश में उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम तक हजारों मंदिर हैं, जिनकी पूजा पद्धतियाँ और धार्मिक परंपराएँ अलग हैं, लेकिन बाबा महाकाल की भक्ति में कुछ खास बात है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग हैं, जिनके केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु हैं।
इसी विचार के साथ, आज हम इस लेख में, हम आपके लिए बाबा महाकाल पर शायरी 2 लाइनों में, 1 लाइन में प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो आपके दिल को सुकून और आस्था का अहसास कराएगी। तो चलिए शुरू करते हैं: हर हर महादेव
महाकाल पर शायरी 2 Lines में
मौत का डर उनको लगता है, जिनके कर्मों में दाग है,
हम तो महाकाल के भक्त हैं, हमारे खून में भी आग है।
आंधियों में भी दीप जलाए रखते हैं,
महाकाल के भक्त हैं, हमेशा मुस्कुराए रखते हैं।
तेरी भक्ति का रंग ऐसा चढ़ा महाकाल,
हर जन्म तेरा ही भक्त रहूँ, बस यही है ख्याल।
दुनिया वालों की किस्मत का फैसला तो वक्त करता है,
हमारी किस्मत का फैसला महाकाल करता है।
ना जाने कौन सा नशा है तेरे नाम का महाकाल,
जहाँ देखूँ, बस तू ही तू नज़र आए हर हाल।
काल भी थरथराए, जब नाम महाकाल का आए,
हम तो उनके दीवाने हैं, जो मर के भी साथ निभाए।
किसका कितना वजूद है, ये महाकाल तय करता है,
हमारा तो नाम भी उसकी महिमा से चलता है।
तूफानों से लड़ना मेरी पहचान है,
महाकाल का भक्त हूँ, मेरी रगों में तूफान है।
अकाल मृत्यु वो मरे, जो काम करे चांडाल का,
काल भी उसका क्या बिगाड़े, जो भक्त हो महाकाल का।
हम महाकाल के दीवाने हैं, रगों में हमारा खून नहीं,
अग्नि बहती है, तभी दुनिया हमसे जलती है।
ना दौलत पे, ना शोहरत पे, ना सत्ता पे ऐतबार करते हैं,
हम महाकाल के भक्त हैं, बस उन्हीं से प्यार करते हैं।
किसी की बाहों में सुकून नहीं मिलता,
मुझे तो महाकाल की छांव में ही चैन मिलता।
तेरी मोहब्बत की मिसाल क्या दूँ,
जिसे चाहूँ उसे भी महाकाल से जोड़ दूँ।
ना चाँद चाहिए, ना फलक चाहिए,
मुझे तो बस तेरी भक्ति और तेरा साथ चाहिए।
महाकाल पर शायरी 1 Line में
हम महाकाल के भक्त हैं, जो हार भी जाए तो भी जीतते हैं।
तेरी किस्मत में दर्द लिखा है, मेरी किस्मत में महाकाल का साथ लिखा है।
जो सुकून नहीं पूरे संसार में, वह सुकून है मेरे महाकाल के दरबार में ।
अंदाज हमारे कुछ निराले हैं, क्योंकि हम महाकाल वाले हैं ।
जब तेरे कर्मों में सुधार होगा, तब महाकाल को तुझसे प्यार होगा।
क्या करूँ मैं अमीर बनकर, मेरा महाकाल तो फकीर के दिल का दीवाना है!
लोगों से मैं छुपा लेता हूँ अपनी तकलीफें, पर महाकाल ही है जिसे बिना कहे सब कुछ बता देता हूँ!
हंसते हुए पी लूँ भांग का प्याला, क्या फर्क पड़ता है जब मेरे साथ त्रिशूल वाला!
दुनिया के रंग बदलते रहते हैं, पर महाकाल का संग हर पल दिल में सजा रहता है!
वो जो चाहेगा, वही होगा; वो चाहे तो पर्वत भी चलेगा!
चिंता अब किसकी, जब महाकाल की छांव है साथ
पैसों का क्या है, महाकाल का दिया तो कभी खत्म नहीं होता
भांग का प्याला तो सब पीते हैं, मुझे तो महाकाल का नाम ही सच्चा नशा बन गया है!
हर जगह महाकाल की महिमा बिखरी हुई है, जो दिल से उसे ढूंढ़ता है, वो उसे हर सांस में महसूस करता है!
जो महाकाल के प्रेम में खो जाता है, उसकी दुनिया बदल जाती है
बिना महाकाल की पूजा के जीवन अधूरा सा लगता है, जब वो दिल में बसे, तो हर दिन दिवाली जैसा लगता है!
हमारा काम महाकाल पर विश्वास है, बाकी सब कुछ बेकार है।
जानिए भगवान पर विश्वास शायरी 2 और 1 लाइन में | जीवन को रोशन करने वाली शायरी
महाकाल पर शायरी 2 लाइन Sanskrit में
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
सर्वज्ञं सर्वशक्तिमान्, महाकालं प्रणमाम्यहम्॥
ॐ नमो महाकालाय सर्वशक्तिमये,
एकाक्षराय परमेश्वराय॥
शिवाय महाकालाय, कालगति निवारिणे॥
नित्यं वन्दे महेश्वरं, साक्षात् ब्रह्म महात्मनम्॥
कालोऽपि महाकालस्य नग्नोऽपि यं न भेषजम्॥
साक्षात् शिवं ततः श्रेयान्मृत्युञ्जय महाकालः॥
न समयः सर्वजन्तूनां, महाकालः स्थिरं जगत्॥
महाकालेश्वर मंदिर: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे भारत के सबसे पवित्र और शक्तिशाली शिव मंदिरों में से एक माना जाता है।
महाकाल मंदिर (उज्जैन) की प्रसिद्धि के प्रमुख कारण:
- महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो शिव के सर्वोच्च स्वरूप को दर्शाता है। यहाँ स्थित शिवलिंग दक्षिणमुखी है, जो अन्य ज्योतिर्लिंगों से भिन्न है।
- प्रतिदिन प्रातः 4 बजे होने वाली भस्म आरती इस मंदिर की विशेष पहचान है। इस आरती में शिवलिंग को मुर्दों की चिता की राख से सजाया जाता है।
- निचले तल पर महाकालेश्वर, मध्य में ओंकारेश्वर और ऊपरी भाग में नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा स्थित है। नागचंद्रेश्वर के दर्शन केवल नाग पंचमी के दिन ही संभव हैं।
- महाशिवरात्रि, श्रावण मास और नाग पंचमी जैसे खास पर्वों पर मंदिर में भव्य पूजा-अर्चना होती है, जो न केवल देशभर में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मंदिर की महिमा को फैलाती है।
- महाकाल मंदिर को कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण “पृथ्वी का नाभिस्थल” माना जाता है। यहाँ तांत्रिक अनुष्ठान और ज्योतिषीय गणनाएँ भी की जाती हैं, जो इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनाती हैं।
- मान्यता है कि यह मंदिर भगवान शिव के रुद्र रूप ‘महाकाल’ को समर्पित है, जो काल यानी समय के नियमों को भी अपने नियंत्रण में रखते हैं।
महाकाल मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
अगर आपने मन बना ही लिया है तो हम आपको नीचे सरल शब्दों में बताएंगे। यहाँ पहुँचने के लिए आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। उज्जैन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी केवल कुछ किलोमीटर की है, और यहाँ पहुँचने के लिए टैक्सी या रिक्शा उपलब्ध हैं। इसके अलावा, अगर आप हवाई मार्ग से आ रहे हैं, तो इंदौर एयरपोर्ट से उज्जैन की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।
नोट: ध्यान रहे कि मंदिर में विशेष त्योहारों जैसे कि महाशिवरात्रि, श्रावण मास और नाग पंचमी पर काफी श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यदि आप किसी दूसरे राज्य से आ रहे हैं, तो अपने शेड्यूल का ध्यान रखें । मंदिर में शीघ्र दर्शन के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से बचें। सभी नियमों का पालन करें। यदि आपको वहाँ पर कोई मदद की आवश्यकता हो, तो सीधे वहाँ के सेवक या पुलिस प्रशासन से ही सहायता मांगें।
पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
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