इंदौर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। यह शहर न सिर्फ अपनी सफाई और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि व्यापार और धार्मिक स्थलों का भी यहाँ विशेष महत्व है। यहाँ कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जैसे कि अन्नपूर्णा माता, खजराना गणेश, बिजासन माता, रणजीत हनुमान आदि प्रमुख मंदिर है। इन्हीं में से एक प्रमुख धार्मिक स्थल है नीम करोली बाबा का इंदौर स्थित आश्रम, जहाँ भक्तजन शांति और भक्ति की अनुभूति करते हैं और बाबा के आशीर्वाद के लिए यहाँ आते हैं। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि मध्य प्रदेश के इंदौर में नीम करौली बाबा का आश्रम कहाँ स्थित है। तो चलिए शुरू करते हैं।
इंदौर में नीम करौली बाबा का आश्रम | Neem Karoli Baba Ashram Indore
नीम करोली बाबा का इंदौर स्थित आश्रम, इंदौर के राउ बायपास के समीप, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के पास स्थित है। इसे यहाँ की स्थानीय भाषा में नीम करोली धाम, श्री खलीफा फार्म हाउस, पिगडंबर के नाम से भी जाना जाता है। नीम करोली बाबा का इंदौर आश्रम, इंदौर के मध्य अन्नपूर्णा माता मंदिर या फिर राजबाड़ा से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर आप अपनी बाइक या कार से आसानी से पहुँच सकते हैं।धाम के चारों ओर फैली हुई हरियाली, आपको आराम से बैठने और शांत वातावरण का आनंद लेने का अवसर प्रदान करती है।
नीम करौली बाबा इंदौर आश्रम फोटो
नीचे हमनें बाबा के इंदौर स्थित आश्रम की कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया है, यहां की हरियाली और आपकी शांति का विशेष ध्यान रखा गया है। यहां आप एकांत में आराम से बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
हालांकि यह आश्रम ज्यादा पुराना नहीं है, इसे हाल ही में कुछ साल पहले बनाया गया है, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, जो नीम करौली बाबा के प्रति अपनी भक्ति को दिखाती है। इस आश्रम में हाल ही में सावन माह के दौरान सवा लाख हनुमान चालीसा का पाठ किया गया था।
नीम करोली बाबा का इतिहास
नीम करोली बाबा का मुख्य धाम “कैंची धाम” उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह धाम न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में बाबा के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। बाबा का असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, जिनका जन्म सन 1900 में उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ, जो अब अंबेडकर नगर के नाम से जाना जाता है।
बाबा के परिवारवालों ने बचपन में उनकी शादी मात्र 11 वर्ष की आयु में कर दी थी। इसी कारण उन्होंने अपना घर छोड़कर एक बाबा के रूप में अपना जीवन जीना शुरू किया। हालांकि, बाद में उनके पिता के कहने पर वह घर लौट गए थे।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग से लेकर एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स भी बाबा के भक्त रहे हैं, जो इस आश्रम में आ चुके हैं। बाबा ने 11 सितंबर 1973 को अपने भौतिक शरीर का त्याग दिया था। हालांकि, उनके भक्त आज भी उनकी उपस्थिति का अनुभव करते हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि वे उन्हें हनुमान जी का एक रूप मानते हैं। यही कारण है कि बाबा के भक्त दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
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नीम करोली बाबा के नाम की कहानी क्या है?
बाबा के नाम के पीछे भी एक असली कहानी है। जब वे ट्रेन से सफर कर रहे थे, तब गलती से वे फर्स्ट क्लास के कोच में चढ़ गए। हालाँकि, उन्हें साधु होते हुए इसकी ज़रा भी जानकारी नहीं थी। जब टीटी आए और उन्होंने बाबा से टिकट के बारे में पूछा, तो उनके पास कोई टिकट नहीं था। इस कारण टीटी ने बाबा को स्टेशन पर उतार दिया।
हालांकि, बाबा को जैसे ही ट्रेन से उतारा गया, उसके बाद ट्रेन फिर से नहीं चल पा रही थी। काफी मशक्कत के बाद भी जब ट्रेन शुरू नहीं हुई, तो ट्रेन के ड्राइवर और टीटी दोनों को एहसास हुआ कि उन्होंने बाबा को उतारकर बड़ी गलती की है। वे सब समझ गए थे कि यह बाबा की दिव्य शक्ति का परिणाम था। टीटी और ट्रेन के ड्राइवर दोनों बाबाजी के पास आए और उनसे क्षमा मांगने लगे, और फिर से उन्हें ट्रेन में आने के लिए कहा।
इस पर बाबा ने दो शर्तें रखी:
- पहली यह कि आप हमेशा साधुओं और बाबाओं का सम्मान करेंगे।
- दूसरी शर्त यह थी कि उस स्टेशन की मरम्मत ठीक तरीके से करवाई जाएगी। यह स्थान नीम करोरी जो की वर्तमान में उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में स्थित है।
जैसे ही ये शर्तें मान ली गईं, तुरंत ही ट्रेन भी फिर से चलने लगी। इसी कारण से बाबा का नाम ‘नीम करोली (करोरी)’ हो गया।
पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर अच्छा लगा होगा और अब आपने भी इंदौर स्थित नीम करौली बाबा आश्रम जाने का मन बना ही लिया होगा। इस लेख में संबंधित जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से ली गई है। यदि आपको इस लेख में कोई त्रुटि दिखाई देती है तो कृपया नीचे कमेंट करें या हमें ईमेल के माध्यम से सूचित करें । हम आशा करते हैं कि आपका यहां का अनुभव सुखद और यादगार होगा।
धन्यवाद!
Jai Shree Ram,
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