Hanuman ji Hindi 2-line shayari collection with motivational and spiritual lines

हिंदू धर्म में हनुमानजी को सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय देवताओं में माना जाता है। भारत में उनके अनेक प्राचीन और अद्भुत मंदिर मौजूद हैं, जहाँ हर दिन लाखों भक्त हनुमानजी के दर्शन और आशीर्वाद पाने पहुँचते हैं। इसी भावना के साथ आज हम आपके लिए हनुमानजी पर 2 लाइन हिंदी शायरी (Hanumanji 2 Line Shayari) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपके दिल को जरूर छू जाएगी। तो आइए शुरुआत करते हैं, 🙏जय श्री राम🙏

हनुमान जी पर 2 लाइन शायरी | Hanumanji 2 Line Shayari Collection

Hanuman ji photo with beautifully written 2-line Hindi devotional shayari.
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हनुमान जी पर 1 लाइन शायरी | Hanumanji 1 Line Shayari Collection

हनुमानजी का जन्म और बचपन की लीलाएँ

हनुमानजी का जन्म माता अंजनी और वानरराज केसरी के घर हुआ था। वानरराज केसरी को पवनदेव या वायुदेव भी कहा जाता है, इसलिए हनुमानजी को “पवनपुत्र” भी कहा जाता है।

बचपन से ही हनुमानजी बहुत तेज, निडर और चंचल थे। बचपन में उन्होंने खेलते-खेलते जब सूरज को देखा तो वे उसे एक आम फल की तरह देखने लगे और सूरज को फल समझकर उसकी ओर उड़ गए।

रामायण में हनुमानजी की महत्वपूर्ण भूमिका

रामायण का जिक्र हो और हनुमानजी का नाम न आए, ऐसा संभव ही नहीं है। वे श्रीराम के सबसे प्रिय, सबसे समर्पित और सबसे विश्वसनीय भक्त माने जाते हैं। उन्होंने पहले सीता माता की खोज के लिए समुद्र पार किया और लंका पहुंचकर अशोक वाटिका में उन्हें रामजी का संदेश दिया। आगे चलकर रावण की सेना से भिड़ते हुए उन्होंने पूरी सोने की लंका को आग के हवाले कर दिया, जिसे लंका दहन कहा जाता है।

युद्ध में जब लक्ष्मणजी घायल हुए तो हनुमानजी उन्हें बचाने के लिए पूरा संजीवनी पर्वत उठा लाए। रामायण में उनकी अटूट भक्ति, निडरता और निस्वार्थ सेवा, आज भी भक्ति और साहस का सबसे ऊँचा उदाहरण मानी जाती है।

भारत के कुछ प्रसिद्ध हनुमान मंदिर

भारत में हनुमानजी के अनेक मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर अपनी भव्यता, इतिहास और गहरी आस्था के कारण पूरे देश में खास महत्व रखते हैं। यहाँ आकर भक्तों को भक्ति, बल और आत्मविश्वास, तीनों का आशीर्वाद मिलता है।

सालासर बालाजी धाम, राजस्थान

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Image Source : Website

सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में स्थित हनुमान भक्तों का प्रमुख तीर्थ है। यह मंदिर अपनी अनोखी प्रतिमा, इतिहास और गहरी आस्था के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहाँ स्थापित हनुमानजी की मूर्ति दाढ़ी और मूँछ वाली है, जो अन्य किसी मंदिर में नहीं मिलती और इसी कारण इसे विशेष रूप से “बालाजी” कहा जाता है।

मान्यता है कि एक किसान के खेत में हल चलाते समय यह प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई। किसान की पत्नी ने प्रतिमा पर बाजरे का चूरमा अर्पित किया, और तभी से यहाँ चूरमा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। उसी रात मोहनदास जी महाराज को स्वप्न प्राप्त हुआ कि इस प्रतिमा को सालासर लाकर स्थापित किया जाए। बैलगाड़ी भेजी गई और जहाँ बैल स्वयं रुक गए, वही स्थान आज का सालासर धाम बना।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान

Image Source : Official Website

राजस्थान के दौसा में स्थित यह दिव्य धाम वह स्थान है जहाँ हनुमानजी अपने सबसे शक्तिशाली रूप में विराजमान हैं। यहाँ दूर-दूर से भक्त हनुमानजी के दर्शन करने और भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमानजी अपने बाल स्वरूप में स्थापित हैं।

इस धाम में सबसे ज़्यादा वे भक्त पहुँचते हैं जो भूत-प्रेत से जुड़ी किसी परेशानी से मुक्ति चाहते हैं। जब आप यहाँ की आरती में शामिल होते हैं, तो उसका दिव्य वातावरण और अद्भुत दृश्य वास्तव में देखने लायक होता है।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

Image Source : https://hanumangadhi.com/

अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी, श्रीराम की नगरी का एक अत्यंत पवित्र और प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर शहर की ऊँचाई पर स्थित है, इसलिए जैसे-जैसे भक्त इसकी सीढ़ियाँ चढ़ते हैं, उन्हें एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभूति होती है। यहाँ हनुमानजी बैठे हुए रूप में विराजमान हैं, और मान्यता है कि वे स्वयं अयोध्या की रक्षा करते हैं। इसी कारण यह स्थान भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।

ऊपर पहुँचने पर अयोध्या शहर का शांत और सुन्दर दृश्य दिखाई देता है, जो मन को तुरंत ही एक दिव्य शांति से भर देता है। मंदिर परिसर में भक्त लगातार हनुमान चालीसा, राम नाम और भजन गाते हुए दिखाई देते हैं, जिससे वातावरण और भी भक्तिमय बन जाता है।

अयोध्या आने वाले अधिकांश श्रद्धालु राम जन्मभूमि या अन्य स्थानों पर जाने से पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हैं। यह परंपरा इसलिए है क्योंकि माना जाता है कि हनुमानजी अपने भक्तों को हर प्रकार की बाधा से बचाकर आगे का मार्ग सुगम बनाते हैं।

जाखू मंदिर, शिमला

शिमला की ऊँचाइयों में स्थित जाखू मंदिर, हनुमानजी की उपस्थिति और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा संगम है। समुद्रतल से लगभग 8000 फीट की ऊँचाई पर बसे इस मंदिर तक पहुँचते ही सबसे पहले इसकी विशाल हनुमान प्रतिमा दिखाई देती है, जो शिमला के आकाश में मानो शक्ति और संरक्षण का आशीर्वाद बनकर खड़ी है। यह प्रतिमा इतनी ऊँची है कि शहर के कई हिस्सों से साफ नजर आती है, और यही कारण है कि जाखू हिल शिमला का एक प्रमुख आकर्षण माना जाता है।

मान्यता है कि संजीवनी बूटी की खोज के दौरान हनुमानजी हिमालय की इस चोटी पर कुछ समय के लिए रुके थे, और उसी पौराणिक घटना की स्मृति में यह मंदिर स्थापित हुआ।

श्री लेटे हुए हनुमान जी मन्दिर

प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले में स्थित लेटे हुए हनुमानजी का मंदिर गंगा तट पर अपनी अद्भुत दिव्यता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर सबसे प्राचीन और दिव्य मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर में प्रवेश करते ही वातावरण में एक अलग ही शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस होती है। स्थानीय श्रद्धालुओं के अनुसार, इस अद्वितीय प्रतिमा को संत समर्थ गुरु रामदास जी द्वारा स्थापित किया गया था।

मंदिर के भीतर स्थित हनुमानजी की प्रतिमा वास्तव में अत्यंत दुर्लभ और प्रभावशाली है। लगभग 20 फीट लंबी, दक्षिणाभिमुखी और धरातल से लगभग 6–7 फीट नीचे स्थित यह मूर्ति अपने अनोखे स्वरूप के कारण तुरंत ध्यान आकर्षित करती है। श्रद्धालु उन्हें बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी के नाम से पुकारते हैं।

हालाँकि इन मंदिरों के अलावा भारत के हर शहर और गाँव में हनुमानजी के कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, यहाँ हमने केवल कुछ विशेष और प्रमुख मंदिरों को ही शामिल किया है।

हमारा व्यक्तिगत अनुभव | Our Personal Experience

हनुमानजी को प्रसन्न करना सबसे आसान माना जाता है। कहा जाता है कि आज भी वे पृथ्वी पर कहीं न कहीं अवश्य मौजूद हैं, क्योंकि वे चिरंजीवी हैं। चिरंजीवी वे दिव्य महापुरुष हैं जिन्हें अनेक युगों तक जीवित रहने का वरदान प्राप्त है। हनुमानजी भी उन्हीं में से एक हैं और इसलिए माना जाता है कि वे सदैव संसार में रहकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। हालाँकि भक्तों को हनुमानजी की आराधना करने से पहले अपनी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। पूजा से पहले मन और शरीर दोनों को पवित्र रखना आवश्यक माना जाता है। किसी भी तरह की अशुद्ध या नकारात्मक चीज़ों का सेवन करने से बचना चाहिए, ताकि आराधना पूर्ण श्रद्धा और शुद्धता के साथ की जा सके।

पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ‘हनुमानजी पर 2 लाइन शायरी’ अवश्य पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख अच्छा लगे, तो इसे साझा करना न भूलें।

इस लेख को तैयार करने में हमने पारंपरिक ग्रंथों, विश्वसनीय स्रोतों और गहन शोध का सहारा लिया है। हमारा प्रयास है कि प्रस्तुत जानकारी पूरी तरह सही और त्रुटि-रहित हो। यदि आपको किसी तथ्य में कोई गलती नज़र आती है, तो कृपया हमें अवगत कराएँ ताकि हम उसे तुरंत सुधार सकें। धन्यवाद! 🙏 जय श्री राम! 🚩

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