Chhath Puja Shayari in Hindi and Bhojpuri - 2-line devotional Shayari for Chhath Maiya

भारत की पहचान उसकी संस्कृति से है, यहाँ हर दिन किसी न किसी पर्व की रौनक बिखरी रहती है। इन्हीं पावन परंपराओं में से एक है छठ पूजा, जो केवल एक पर्व नहीं, बल्कि समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक है, जहाँ हर माँ अपने परिवार की खुशियों के लिए तपस्या करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम अपने पाठकों के लिए लेकर आए हैं छठ पूजा शायरी,
हिंदी और बिहारी दोनों अंदाज़ में, जिन्हें आप अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा कर सकते हैं।

छठ पूजा पर 2 लाइन शायरी | Chhath Puja Shayari 2 Line

chhath puja quotes in hindi, shayari 2025

छठ पूजा पर बिहारी-भोजपुरी शायरी | Chhath Puja Shayari in Bihari

छठ पूजा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व

छठ पूजा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्राचीन पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्य देव और छठ मइया (जिसे षष्ठी माता भी कहा जाता है) की पूजा की जाती है। इस पूजा की शुरुआत डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देकर की जाती है और यह अगले चार दिनों तक चलती है। यह पर्व मुख्य रूप से सुबह और शाम के समय मनाया जाता है।

इस अवसर पर महिलाएँ अपने परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होगी और चार दिनों तक चलेगी।

भक्त इस दौरान निर्जल व्रत रखते हैं, घाटों पर खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, और छठ मइया की भक्ति में गीत गाते हैं। इसके साथ ही, साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

छठ पूजा में न करें ये गलतियाँ

निर्जल व्रत तोड़ना

छठ पूजा का मुख्य हिस्सा है निर्जल व्रत। यह व्रत सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अरघ्य देने तक रहता है। इसे अधूरा करना या नियमों का पालन न करना व्रत की शक्ति और महत्व को कम कर देता है। इसलिए यदि आपने व्रत रखा है, तो कोशिश करे की इसे पूरी निष्ठा और संयम के साथ संपन्न करे।

नकारात्मक बातो से दुरी बनाये रखे

छठ पूजा एक पवित्र और धार्मिक पर्व का प्रतीक है। इस व्रत के दौरान ध्यान रखें कि आप अपने मन को किसी भी नकारात्मक विचार की ओर न ले जाएँ और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इसे संपन्न करें।

घाट पर साफ-सफाई का ध्यान न रखना

हिंदू धर्म में हर एक नदी को माँ देवी के समान माना जाता है। कोशिश करें कि पूजा के दौरान नदी में कुछ भी गंदा न डालें और उसका पानी साफ़-सुथरा रखने का विशेष ध्यान रखें। नदी में अर्घ्य देने या पूजा करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप प्रकृति और पानी की पवित्रता का सम्मान कर रहे हैं।

हमारा व्यक्तिगत अनुभव | Our Personal Experience

छठ पूजा के दौरान नदी के घाट का दृश्य शब्दों में बयां करना सच में मुश्किल है। संध्या अर्घ्य (शाम की पूजा) के समय हमने लाखों व्रतियों और श्रद्धालुओं को एक साथ जल में खड़े देखा। कठिन व्रत के बावजूद उनके चेहरों पर सूर्य देव के प्रति जो अटूट आस्था और समर्पण दिखाई देता है, वही छठ पूजा की सबसे बड़ी पहचान है। यह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि कठिन साधना और दृढ़ विश्वास का जीवंत रूप है। पूजा का मुख्य प्रसाद, ठेकुआ, व्रती अपने घर पर पूर्ण शुद्धता के साथ तैयार करते हैं। हमें भी यह प्रसाद चखने का अवसर मिला, और इसका स्वाद सिर्फ मीठा नहीं, बल्कि इसमें भक्ति, पवित्रता और श्रद्धा की अनुभूति मिलती है। इस प्रसाद को ग्रहण करने का अनुभव ही कुछ अलग और बहुत विशेष होता है।

पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

हमें उम्मीद है कि आपको हमारा आज का लेख “छठ पूजा पर 2 लाइन शायरी” और “बिहारी-भोजपुरी शायरी” अंदाज में पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा जरूर करें।

इस लेख को तैयार करने में, हमने पारंपरिक ग्रंथों, विश्वसनीय स्रोतों और गहन शोध का उपयोग किया है। हमारा प्रयास है कि दी गई जानकारी त्रुटि रहित हो। यदि आपको कोई तथ्यात्मक त्रुटि दिखाई देती है तो कृपया हमें सुझाव दें ताकि हम उसे तुरंत सुधार सकें।

हम आशा करते हैं कि इस बार छठ मइया आपके जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर करें और हर क्षण आपके लिए आनंद और सौभाग्य लाएँ। 🙏🙏

Share the article

Leave a Reply