भारत एक हिंदू प्रधान देश है, जहाँ अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं में से एक है अखिलेश्वर धाम (Akhileshwar Dham) हनुमान मंदिर, जो इंदौर, मध्य प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर की महिमा और श्रद्धा पूरे देश में विख्यात है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और यहाँ पर हर साल हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको इंदौर स्थित अखिलेश्वर धाम (Akhileshwar Dham Indore) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। यह धाम स्थानीय भाषा में ‘ओखला’ या ‘ओखलेश्वर हनुमान’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि अखिलेश्वर धाम कैसे पहुंचें, यहां की मुख्य विशेषताएं क्या हैं, और इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं क्या हैं। इसके अलावा, यहां होने वाले प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों और पर्वों की भी जानकारी देंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
- मंदिर का इतिहास और महत्व | History and Significance
- रोहिणी नक्षत्र में चढ़ाया जाता है चोला
- अखिलेश्वर धाम कहाँ है? | Akhileshwar Dham Kahan Hai?
- अखिलेश्वर धाम की सही लोकेशन | Akhileshwar Dham Location
- अखिलेश्वर धाम अखंड रामायण पाठ | Akhileshwar Dham World Record
- अखिलेश्वर धाम के अद्भुत चमत्कार
- पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी | Essential Information for Readers
मंदिर का इतिहास और महत्व | History and Significance
इसकी मान्यता रामायण काल के राम-रावण युद्ध से जुड़ी हुई है। जब प्रभु श्रीराम लंकापति रावण से युद्ध करने जा रहे थे, तब उन्होंने इस युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा करने का संकल्प लिया। इस पूजा के लिए उन्होंने हनुमान जी को शिवलिंग लाने का आदेश दिया।
हनुमान जी जब शिवलिंग लेकर लौट रहे थे, तब उन्होंने देखा कि इस धाम में रामसेतु निर्माण और प्रभु श्रीराम की विजय के लिए यज्ञ चल रहा था। यज्ञ के दर्शन करने के लिए हनुमान जी कुछ समय के लिए वहीं रुक गए। इसी कारण, यहां हनुमान जी की प्रतिमा में वे अपने दाहिने हाथ से शिवलिंग धारण किए हुए हैं, जो इस धाम का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।
मंदिर की वास्तुकला भी अत्यंत प्राचीन प्रतीत होती है, जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को दर्शाती है।
रोहिणी नक्षत्र में चढ़ाया जाता है चोला
इस मंदिर की एक और प्राचीन विशेषता यह है कि हर महीने के रोहिणी नक्षत्र में हनुमान जी को चोला चढ़ाया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं, जो आसपास के गांवों और शहरों से आते हैं। इसके अलावा, इस दिन एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तजन बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
अखिलेश्वर धाम कहाँ है? | Akhileshwar Dham Kahan Hai?
अखिलेश्वर धाम एक प्राचीन मंदिर है जो इंदौर से 45 किलोमीटर दूर, चोरल क्षेत्र में जंगलों के बीच स्थित है। यह जगह इंदौर, खरगोन और देवास जिलों की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुँचने का पूरा रास्ता घने जंगलों से भरा हुआ है, जो यात्रा को और भी रोमांचक बना देता है। यहाँ का नजारा न केवल मनमोहक है, बल्कि यह एक अद्वितीय अनुभव भी प्रदान करता है, जो आपको प्रकृति के करीब ले जाता है। जंगल की गहराई में स्थित यह मंदिर शांति और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा मिश्रण है।
अगर आप इंदौर शहर से यात्रा कर रहे हैं, तो सबसे पहले सिमरोल से आगे स्थित नवग्रह मंदिर तक पहुंचना होगा। नवग्रह मंदिर से कुछ दूरी पर आपको ग्राम सेंडल की ओर जाने वाला एक रास्ता मिलेगा। आपको इस रास्ते पर चलते रहना है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, रास्ता आपको हरे-भरे प्राकृतिक दृश्य और शांत वातावरण के बीच से होते हुए हनुमान मंदिर तक ले जाएगा। यह मार्ग साफ और सुगम है, और आपको रास्ते में कुछ छोटे-छोटे गांव भी देखने को मिलेंगे। अगर आप पहली बार यात्रा कर रहे हैं, तो स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन लेना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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अखिलेश्वर धाम की सही लोकेशन | Akhileshwar Dham Location
अगर आपने मन बना ही लिया है तो अब आपको मंदिर तक पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। नीचे हमनें मंदिर की सही लोकेशन गूगल मैप के माध्यम से दी हुई है। आप बस इसे फॉलो करें और आसानी से मंदिर तक पहुँच जाएं। गूगल मैप की मदद से आप रास्ते में आने वाली हर छोटी-बड़ी जगह को देख सकते हैं और बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा को सुखद बना सकते हैं।
अखिलेश्वर धाम अखंड रामायण पाठ | Akhileshwar Dham World Record
इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहाँ सन 1976 से निरंतर अखंड रामायण पाठ चल रहा है। यह पाठ बिना किसी रुकावट के 24 घंटे जारी रहता है, जो भक्तों की अटूट श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। इस अनूठे कार्य के कारण मंदिर को “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” में भी स्थान मिला है, जो इस धार्मिक स्थल की महत्ता और विशिष्टता को और भी बढ़ाता है। यह अद्वितीय धार्मिक परंपरा न केवल इस मंदिर को विशेष बनाती है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है।
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अखिलेश्वर धाम के अद्भुत चमत्कार
हाल ही में, कुछ वर्षों पहले हनुमान जी ने यहां अपनी आंखों की पलक झपकाई थी, जिसे कई श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया था। यह घटना उस समय काफी वायरल भी हुई थी और इसे चमत्कारिक घटना के रूप में देखा गया था।
इसके अलावा, जब आप इस मंदिर में आएंगे, तो आप ध्यान देंगे कि यह धाम घने जंगलों के बीच स्थित है। पहले यहां जंगली जानवरों का आना-जाना सामान्य था। उस समय मंदिर के पहले सेवक, ओंकार प्रसाद जी महाराज, यहां की देखरेख और पूजा-अर्चना किया करते थे, और उन्होंने इस स्थान को धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जब श्री ओंकार स्वामी जी महाराज ने अपना शरीर त्यागा, उस समय हनुमान जी की प्रतिमा से निरंतर 2 घंटे तक आँसू बहते रहे। यह अद्भुत घटना उस समय वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने देखी, जिसे एक चमत्कार के रूप में माना गया। इस घटना ने मंदिर के धार्मिक महत्व को और भी गहरा कर दिया।
पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी | Essential Information for Readers
हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख ‘अखिलेश्वर धाम’ के बारे में ज़रूर अच्छा लगा होगा। इस ब्लॉग में दिए गए मंदिर की सभी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है। हम इस जानकारी की सटीकता और पूर्णता सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास करते हैं, फिर भी इसमें कोई त्रुटि या असंगतता रह सकती है। यदि आपको यहां प्रस्तुत जानकारी में कोई त्रुटि मिलती है, तो इसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।
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