जब भी प्रेम की बात होती है, तो श्रीकृष्ण और राधा का नाम स्वतः ही जुबां पर आ जाता है। राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं, और कृष्ण के बिना राधा की कल्पना भी असंभव है। उनका प्रेम अनंत, शुद्ध और दिव्य है, जो हर युग में प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। इसी प्रेम की गहराई को महसूस करने के लिए, आज हम आपके लिए कुछ सुंदर कृष्ण प्रेम शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपके हृदय को छू जाएंगी और आपके जीवन में भी प्रेम व भक्ति का संचार करेंगी।
राधा-कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन में
श्याम के प्रेम में खो जाऊं,
हर जनम बस उनको ही पाऊं।
मेरा मन मोहन का आशिक बन गया,
हर सांस पर नाम श्रीकृष्ण लिख गया।
गोकुल में जब गूंजे बांसुरी की तान,
राधा संग नाचे पूरा ब्रजधाम।
श्याम के प्रेम में सब कुछ लुटा दूं,
बस एक झलक पर खुद को मिटा दूं।
जब तक धरा पर प्रेम रहेगा,
राधा संग कृष्ण अमर रहेगा।
राधा कृष्ण का प्रेम अमर,
हर भक्त के मन में बसा उनका घर।
श्याम के प्रेम में खो जाऊं,
हर जनम बस उनको ही पाऊं।
श्याम के चरणों में प्रेम का संसार,
हर भक्त को मिले प्रेम अपार।
राधा कृष्ण का सच्चा प्यार,
बिना बोले ही कर गया इकरार।
कृष्ण संग राधा का प्रेम अमर,
हर भक्त के मन में बसा उनका घर।
श्याम का रंग और राधा का प्यार,
इस प्रेम में छुपा है सारा संसार।
श्याम तेरा प्रेम अद्भुत है,
हर जनम में तेरा संग मधुर है।
राधा के मन में कान्हा का बसेरा,
प्रेम के रंग में रंगा ये सवेरा।
प्रेम की भाषा सबसे निराली,
श्याम और राधा की जोड़ी मतवाली।
हर जनम में मिले बस तेरा सहारा,
हे कान्हा! यही है मेरा प्यारा इशारा।
तेरी बंसी की धुन में जादू बसा,
हर दिल ने तुझे अपना आराध्य कहा।
तेरी मुरली जब जब बजे,
दिलों में प्रेम के दीप जले।
कृष्ण का प्रेम है जैसे सूरज का उगना,
राधा का प्यार है जैसे चाँद का चमकना।
और भी पढ़ें: श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक अनमोल वचन हिंदी में
कृष्ण प्रेम शायरी 1 लाइन में
मथुरा के राजा की शान निराली, द्वारका के नाथ की पहचान प्यारी।
मुरली की धुन में खोया संसार, कृष्ण-राधा का अटूट प्यार।
नंदलाल की मुस्कान है प्यारी, यशोदा मैया की ममता न्यारी।
बरसाने की गली में मिले श्याम, राधा के दिल में बसा उनका नाम।
नीली पोशाक में बांके बिहारी, राधा की चुनरी लाल प्यारी।
श्याम बिना राधा अधूरी, जैसे बिना चाँदनी रातें अंधूरी।
कान्हा की बंसी, राधा की बात, इनसे सजे प्रेम की सौगात।
तेरी लीला सबसे न्यारी, राधा संग लगती प्यारी।
बंसी बजाई, राधा लुभाई, मोहन की मूरत सबको भायी।
मोहन बिना मन न लगे, राधा बिना प्रेम न जगे।
कृष्ण का प्रेम, राधा की बात, इनसे सजी प्रेम की बारात।
श्याम को देखा नैनों से, राधा खो गई सपनों में।
राधा के बिना कौन बने श्याम, प्रेम के बिना सूना वृंदावन धाम।
राधा बिना कृष्ण अकेले, सावन बिना लगे सूने मेले।
राधा-कृष्ण क्यों हैं प्रसिद्ध?
हिंदू धर्म में प्रेम की बात हो और राधा-कृष्ण का नाम ना आए, ऐसा संभव ही नहीं। राधा और कृष्ण का प्रेम सांसारिक मोह से ऊपर, आत्मा और परमात्मा का मिलन है। राधा-कृष्ण का प्रेम एक ऐसा प्रेम है जो परमात्मा और उसके भक्त के बीच के संबंध को दर्शाता है। श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार माने जाते हैं, और राधा उनकी शक्ति का स्वरूप हैं। मीराबाई, सूरदास और रसखान जैसे संतों ने अपने भजनों और कविताओं के माध्यम से इस दिव्य प्रेम को युगों तक अमर बना दिया।
भारत में राधा-कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर
यदि आपने राधा-कृष्ण की अद्भुत लीलाओं को देखने का मन बना लिया है, तो हम आपके लिए भारत के कुछ प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिरों के बारे में जानकारी साझा करेंगे।
श्रीबांके बिहारी मंदिर, वृंदावन
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित है, जिसे कृष्ण और राधा के प्रेम का केंद्र माना जाता है। इस मंदिर में राधा और कृष्ण की मूर्तियाँ साथ-साथ स्थापित हैं।
प्रेम मंदिर, वृंदावन
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में ही एक और प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिर जिसे प्रेम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु श्रीकृष्ण के दर्शन करने आते हैं।
इस्कॉन मंदिर
इस मंदिर का नाम “इस्कॉन” कृष्ण के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर राधा-कृष्ण के प्रेम को समर्पित है। यहाँ भक्ति-संगीत और संकीर्तन विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं। दिल्ली, वृंदावन, मुंबई और बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इस्कॉन मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
जगन्नाथ मंदिर, पुरी
भारत के ओडिशा राज्य में स्थित पुरी का जगन्नाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे चार धामों में से एक माना जाता है। यहाँ राधा-कृष्ण का प्रेम रथ यात्रा के माध्यम से मनाया जाता है। ओडिशा में स्थित इस जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के साथ राधा-कृष्ण की भी पूजा होती है।
द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका
द्वारका धाम, गुजरात में स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी कहा जाता है। यह चार धामों में से एक है और हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। माना जाता है कि द्वारका वही स्थान है, जहाँ भगवान कृष्ण ने अपनी राजधानी स्थापित की थी।
नोट: भारत के ये पवित्र मंदिर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं से भरे रहते हैं। विशेष त्योहारों जैसे कि पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा और जन्माष्टमी के समय यहाँ भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। यदि आप अपने परिवार संग यात्रा पर जा रहे हैं, तो पहले से समुचित जानकारी प्राप्त कर लें, जिससे किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
हमें आशा है कि आपको हमारा लेख ‘कृष्ण प्रेम शायरी 2 और 1 लाइन’ जरूर पसंद आया होगा। यदि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगे तो कृपया इसे शेयर करना न भूलें। हमने इसे लिखने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी एकत्र की है। यदि इसमें कोई त्रुटि हो, तो हमें क्षमा करें। आपके सुझावों और टिप्पणियों का स्वागत है। धन्यवाद! 🙏 जय श्री कृष्ण